वाशिंगटन. आकाश में 21 दिसम्बर को कुदरत की अनूठी बाजीगिरी देखने को मिलेगी बृहस्पति-शनि ग्रह एक दूसरे को करीब क्षितिज पर नजर आएंगे| लगभग 800 वर्ष बाद ऐसा होगा|
स्मिथसोनियन सेंटर की एमी ओलिवर लिवर के अनुसार 1226 में शनिवार और बृहस्पति ग्रह इतने करीब आए थे| बृहस्पति और शनि इसके बाद 60 साल बाद 15 मार्च 2080 को दोबारा इतने करीब होंगे|
400 वर्ष पूर्व दिखाई नहीं दिया : महान खगोलविद गेलेलियो द्वारा पहला टेलीस्कोप बनाने के 14 वर्ष बाद 1623 में बृहस्पति और शनि ग्रह एक-दूसरे के इतने पास आए थे| लेकिन ये मिलन सूर्य से 13 डिग्री के कोण पर था इसलिए इसी धरती से नहीं देखा गया था|
भारत से भी देखा जा सकेगा इसे
गर्मियों के बाद से ही हर दिन यह दोनों एक दूसरे के करीब आ रहे हैं| भारत में अधिकतर शहरों में सूर्यास्त के बाद एक खगोलीय घटना को देखा जा सकता है | ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के माइकल ब्राउन ने कहा कि इस खगोलीय घटना को खुली आंखों से देखा जा सकता है| पश्चिमी आकाश में छितिज बिल्कुल नीचे तो न दिखाई देंगे |
यो समझे इस खगोलीय घटना को:-
इस घटना को ऐसे समझा जा सकता है कि एक रनिंग ट्रैक पर दो गृह चक्कर लगा रहे हैं| एक की स्पीड तेज जबकि दूसरे की धीमी है| इस खगोलीय घटना में बृहस्पति, शनि को पीछे छोड़ने जा रहा है| बृहस्पति 12 वर्ष और शनि 29 वर्ष में सूर्य का चक्कर पूरा करता है| ये दुर्लभ मिलान वर्षो में एकाध बार होता है

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