ब्रायन एक्टन : पहले व्हाट्सएप बनाया अब उसके ही खिलाफ सिग्नल को खड़ा किया
उद्यमियों के परिवार से हैं एक्टन , याहू के 44 वें कर्मचारी थे
एक्टन ने कॅरिअर की शुरुआत 1992 में एयरक्राफ्ट से जुड़ी कंपनी रॉकवैल इंटरनेशनल में सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर की । इसके बाद एपल - एडोबी में प्रोडक्ट टेस्टर रहे । 1996 में याहू के शुरुआती दौर में एक्टन कंपनी के 44 वें कर्मचारी थे । 2007 तक याहू में उन्होंने विज्ञापन समेत कई विभाग संभाले । एक्टन बताते हैं कि उद्यमिता के बीज उनमें बचपन से ही मौजूद थे । मिशीगन में पले - बढ़े एक्टन की मां ने उड्डयन से जुड़ी हुई कंपनी शुरू की थी । उनकी दादी ने मिशीगन में गोल्फ कोर्स शुरू किया था ।
अमीरों की सूची में 1219 वें नंबर पर , आधी संपत्ति दान कर चुके
फोर्ब्स की रियल टाइम नेटवर्थ सूची के हिसाब से 18 हजार करोड़ रुपए ( 2.5 बिलियन डॉलर ) संपत्ति के साथ एक्टन दुनिया के 1219 वें सबसे अमीर शख्स हैं । एक्टन 2014 से चैरिटी कर रहे हैं । पत्नी टेगन के साथ मिलकर उन्होंने वाइल्डकार्ड गिविंग नाम की चैरिटी संस्था बनाई है । इसके जरिए उन्होंने अब तक 7 हजार करोड़ रु . से ज्यादा की संपत्ति विभिन्न सामाजिक कामों के लिए दान की है । वह सनलाइट गिविंग फाउंडेशन के जरिए सैन फ्रांसिस्को में कमजोर आय वर्ग के लोगों की मदद कर रहे हैं ।
कभी ट्विटर - फेसबुक ने इन्हें नौकरी पर नहीं रखा था
एक्टन के याहू में नौकरी शुरू करने के साल भर बाद जॉन कूम ने याहू में नौकरी शुरू की । दोनों ने 2007 में एक साथ नौकरी छोड़ी और दक्षिणी अमेरिका की यात्रा पर निकल गए । इस बीच उन्होंने काम से इतर खेल - कूद और मस्ती में समय बिताया । 2009 में फेसबुक और ट्विटर ने इन्हें नौकरी के लिए योग्य नहीं पाया था । इसके बाद एक्टन स्टार्टअप शुरू करने की दिशा में दिमाग दौड़ाने लगे , तभी उनके दोस्त कूम को एक मैसेजिंग एप्लिकेशन विकसित करने का आइडिया आया । और दोनों ने साथ में मिलकर 2009 में ही वाट्सएप लॉन्च कर दिया । इससे एक्टन को कंपनी के 20 फीसदी शेयर मिले ।
प्राइवेसी पर फेसबुक से खटास हुई, सिग्नल आजीवन मुफ्त रखने पर जोर
एक्टन बताते हैं कि जुकरबर्ग ने वाट्सएप का व्यावसायिक रूप से फायदा उठाने के लिए उन पर दबाव बनाया । विज्ञापन और मैसेजिंग को व्यावसायिक अनुकूल बनाने एनक्रिप्शन करने को कहा । एक्टन जोर दे रहे थे कि उपयोगर्ताओं की संख्या से कंपनी पैसा कमा सकती है , एक्टन के अनुसार फेसबुक विज्ञापन पर जोर दे रही थी । इस विरोध की एक्टन को कीमत भी चुकानी पड़ी । अपने हिस्से के स्टॉक मिलने की समय सीमा से एक साल पहले ही उन्होंने फेसबुक छोड़ दिया । इससे उन्हें 6 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ । 2014 में मॉक्सी मार्लिनस्पाइक ने सिग्नल एप विकसित किया । 2017 में एक्टन ने सिग्नल एप में 50 मिलियन डॉलर का निवेश किया । 2018 में सिग्नल फाउंडेशन की स्थापना की । एक्टन के मुताबिक सिग्नल सुरक्षित मैसेजिंग सर्विस है और वे इसका इस्तेमाल व्यापारिक हित के लिए बिल्कुल नहीं करेंगे ।
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